प्रगति (PRAGATI) एक बहुद्देश्यीय व बहु माडल वाला प्लेटफार्म है. यानी एक कंप्यूटर प्रोग्राम है. इसका उद्देश्य आम आदमी की शिकायतों का निवारण करने और साथ ही साथ केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा करना है. इसके जरिए राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं की कार्य प्रगति पर भी नजर रखी जा सकती है. देश में यह अपनी तरह की अनूठी पहल है. संक्षेप में कहें तो प्रगति सक्रिय प्रशासन और समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए आईसीटी आधारित मल्टी-माडल प्लेटफार्म है.
प्रगति की एक विशेषता यह है कि सभी निर्देश सिस्टम में मौजूद रहेंगे ताकि आगे की कार्रवाही हो सके. अंतिम रूप से सुलझाए जाने तक मामले सिस्टम में मौजूद रहेंगे.
प्रगति प्लेटफार्म डिजिटल डाटा प्रबंधन, वीडियो कान्फ्रेंसिंग तथा भू-आकाशीय (geo-spatial) प्रौद्योगिकी का मिश्रण है. यह प्लेटफॉर्म सहकारी संघवाद की दिशा में काम करते हुए भारत सरकार के सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों को एक मंच पर लाता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसी विषय पर संबद्ध केंद्रीय तथा राज्य के अधिकारियों से पूरी सूचना ले सकते हैं. जमीनी स्तर पर स्थिति का विजुअल भी मिलेगा.
दरअसल प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से उपजा प्लेटफार्म है और उन्होंने इसी शुरुआत 25 मार्च 2015 को की. इसका पूरा नाम ‘सक्रिय सरकार व समयबद्ध कार्यान्वयन'(Pro-Active Governance And Timely Implementation) है. यानी प्रगति शब्द अंग्रेजी में इस पूरे कार्यक्रम को परिभाषित करता है. इसे प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम ने नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की सहायता से तैयार किया है.
पहले प्रगति संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने बेमौसम बारिश व किसानों को राहत, लोक शिकायत परियोजना कार्यान्वयन, स्वच्छ भारत तथा कारोबार करने की सुगमता संबंधी विषयों की चर्चा की.
प्रगति एप्लीकेशन की प्रमुख विशेषताएं इस तरह से हैं:
- यह तीन स्तरीय (पीएमओ, केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों के बीच की) प्रणाली है.
- प्रधानमंत्री मासिक कार्यक्रम में डाटा तथा जियो इन्फोरमेटिक्स विज्युअल्स (geo-informatics visuals) वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ संवाद करेंगे.
- यह कार्यक्रम प्रत्येक महीने के चौथे बुधवार को अपराह्ण 3:30 बजे होगा. इसे प्रगति दिवस कहा जाएगा.
- प्रधानमंत्री के समक्ष लोक शिकायत, चालू कार्यक्रम तथा लंबित परियोजनाओं से संबंधित मामले उपलब्ध डाटाबेस से आएंगे.
- उठाए जाने वाले मामले प्रगति दिवस यानी प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार से सात दिन पहले अपलोड किए जाते हैं-
- केंद्र सरकार के प्रत्येक सचिव तथा राज्यों के मुख्य सचिवों के लिए यूजर आईडी तथा पासवर्ड बना दिए गए हैं तथा उपलब्ध करा दिए गए.
- केंद्र सरकार के विभिन्न सचिवों तथा राज्यों के मुख्य सचिवों को मामला सामने आने के तीन दिन के अंदर यानी अगले सोमवार को मामले पर अपनी राय और ताजा कार्रवाई की जानकारी देनी होगी.
- एक दिन यानी मंगलवार प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए रहेगा ताकि केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों द्वारा भरे गए डाटा की समीक्षा की जा सके.
- इसकी डिजाइनिंग इस तरह की है कि प्रधानमंत्री द्वारा विषय की समीक्षा करते समय उनके स्क्रीन पर विषय संबंधी सूचना, ताजा अपडेट और संबंधित विजुअल उपलब्ध होंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रगति के जरिए दूसरे संवाद की अध्यक्षता 22 अप्रैल 2015 को की. इसमें उन्होंने विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच होने वाले गतिरोधों को समाप्त करने के लिए प्रगति की भूमिका को एक माध्यम के तौर पर अपनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए समाधान तलाशना ही प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है.
प्रधानमंत्री ने जनजातीय कल्याण के लिए विशेषकर वनाधिकार अधिनियम के तहत दिए गए भूमि अधिकारों हेतु किए गए कार्य की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों से जनजातीय निवास स्थानों की पहचान करने के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने हेतु उपग्रह प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को कहा.
इसी तरह प्रधानमंत्री ने खासतौर पर देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में संपर्क सुधारने के लिए बुनियादी परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया.