पुरा योजना

सेंसस टाउन आमतौर पर उन गांव/कस्‍बों को कहा जाता है जहां जनसंख्‍या 5,000 से अधिक तथा जनसंख्‍या घनत्‍व 400 प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक है. इन शहरों को परिभाषा के रूप में गांव/ कस्‍बे में रखना हमेशा ही बड़ा सवाल रहा है. इन्‍हें त्रिशंकु इलाका माना गया. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ऐसे ही क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पुरा यानी ग्रामीण इलाकों में शहरी सुविधाओं का प्रावधान (Provision of Urban Amenities for Rural Areas) PURA 2.0 जून 2012 में शुरू करने की घोषणा की. ताकि शहरी-ग्रामीण के बढते अंतर को पाटा जा सके.

योजना आयोग ने इस तरह के इलाकों के विकास के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 1,500 करोड़ रुपये देने की सहमति दी. इसके तहत सार्वजनिक व निजी सहयोग से इन इलाकों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा. इस तरह के इलाके मुख्‍यत छह राज्‍य उत्‍तरप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, महाराष्‍ट्र व केरल में माने गए.

उल्‍लेखनीय है कि पुरा (providing urban amenities to rural areas scheme) योजना मूल रूप से तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम के दिमाग की उपज थी. इसका उद्देश्‍य तब गांवों में शहरी सुविधाएं  उपलब्‍ध कराना था.

Author: sangopang

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