पीयूष पांडे: भारतीय विज्ञापन दुनिया का गाडफादर

पीयूष पांडे भारत में विज्ञापन बनाने वाले प्रमुख लोगों में से एक हैं और उन्‍हें भारतीय विज्ञापन दुनिया का गाडफादर भी कहा जाता है. वे ‘ओगिल्वी एंड मेथर इंडिया’ के कार्यकारी चेयरमैन तथा नेशनल क्रिएटिव डायरे‍क्‍टर तथा दक्षिण एशिया प्रमुख हैं. उन्‍हें मई 2012 में विज्ञापन की दुनिया के प्रतिष्ठित क्लियो अवार्ड से सम्मानित किया गया.

उन्‍हें विज्ञापन बनाने के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए वर्ष 2012 के क्लियो लाइफटाइम अवार्ड दिया गया. पांडे पहले दक्षिण एशियाई हैं जिन्हे यह पुरस्कार मिला.

पीयूष पांडे पिछले 35 साल से ‘ओगिल्वी एंड मेथर’ से जुड़े हैं. पांडे ने भारत में कई चर्चित विज्ञापन बनाए जिनमें कैडबरीज़ के कई विज्ञापन, फेवीकोल का ‘जोर लगाके हइसा’ जैसे कई विज्ञापन है. ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा’ विज्ञापन के पीछे भी उनका ही विचार व मेहनत है. वह कहते हैं-विज्ञापन बनाने के लिए मैं सबसे पहले भारतीय लोगों के बारे में सोचता हूं. उनके जीवन को देखता हूं, उनकी ख्वाहिशों को देखता हूं, क्या चीज़ उनके दिल को छू जाएगी सिर्फ़ वही देखता हूं.

राजस्‍थान की गुलाबी नगरी जयपुर में जन्‍में पांडे ने कालेज की पढाई दिल्‍ली से कई. क्रिकेट की रणजी ट्राफी खेली और टी टेस्‍टर से लेकर एकाउंट एक्‍जीक्‍यूटिव जैसे कई रूपों में काम किया. उन्‍हें भारतीय विज्ञापन की दुनिया को नयी सोच व दिशा देने का श्रेय जाता है.

Author: sangopang

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