प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) में कृषि को प्राथमिकता दी गई. इस योजना का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के संतुलित विकास की प्रक्रिया शुरू करना था. इसमें कृषि को प्राथमिकता दी गई.
यह योजना सफल रही तथा इसने लक्ष्य से अधिक 3.6 प्रतिशत विकास दर हासिल की. इस दौरान राष्ट्रीय आय में 18 प्रतिशत तथा प्रति व्यक्ति आय में 11 प्रतिशत की कुल वृद्धि हुई.
योजना हेरोड-डोमर माडल पर आधारित थी. पांच आईआईटी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इसी परियोजना के आखिर में अस्तित्व में आ गए थे.