वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना (naresh saxsena) का जन्म 16 जनवरी 1939 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआ. यूं तो उनका अब तक मात्र एक कविता संग्रह ‘समुद्र पर बारिश’ 2001 में प्रकाशित हुआ है पर अपनी कविताओं के लिए वे आलोक धन्वा की तरह शिद्दत से याद किए जाते हैं.
नरेश सक्सेना ने टेलीविज़न और रंगमंच के लिए लेखन किया है. उनका एक नाटक`आदमी का आ´ देश की कई भाषाओं में पांच हज़ार से ज़्यादा बार प्रदर्शित हुआ है. जीवन को उसके तमाम आयामों के साथ जीने का आग्रह उनकी कई कविताओं में अभिव्यक्त होता है –
‘ पुल पार करने से
पुल पार होता है
नदी पार नहीं होती
नदी पार नहीं होती नदी में धँसे बिना
नदी में धँसे बिना
पुल का अर्थ भी समझ में नहीं आता ‘
‘आरम्भ’, ‘वर्ष’, और ‘छायानट’ पत्रिकाओं का सम्पादन भी वे कर चुके हैं। साहित्य के लिए उन्हें 2000 का ‘पहल सम्मान’ दिया जा चुका है तथा निर्देशन के लिए वे 1992 में राष्ट्रीय फि़ल्म पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं।