देश में अब भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजगार के लिए खेतीबाड़ी यानी कृषि पर निर्भर है. हालांकि यह रोजगार कई तरह से है और कुछ को सालाना स्थायी कुछ को अस्थायी रोजगार मिलता है.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार किसानों और कृषि मजदूरों को मिलाकर देश में कृषि कामगारों की कुल संख्या 26.31 करोड़ हो गई जिसमें 11.88 करोड़ किसान और 14.43 करोड़ कृषि मजदूर शामिल हैं.
रोचक तथ्य यह है कि इधर के सालों में विशेषकर 1990 के दशक के बाद उदारीकरण के बाद औद्योगिकीकरण व आईटी जैसे अन्य क्षेत्रों के तेजी से विस्तार करने के बावजूद देश में किसानों की संख्या लगातार बढ़ी है.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार किसानों और कृषि मजदूरों को मिलाकर देश में कृषि कामगारों की कुल संख्या 2001 में 23.41 करोड़ थी. इसमें 12.73 करोड़ किसान और 10.68 करोड़ कृषि मजदूर थे.