दिल्ली नगर निकाय चुनाव 2017: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तीन नगर निगमों के लिए मतदान 23 अप्रैल 2017 को हुआ। दिल्ली के 1.32 करोड़ मतदाताओं में से 71,39,994 मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव में लगभग 13000 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया। भाजपा ने 266, आम आदमी पार्टी ने 262, कांग्रेस ने 267 और स्वराज इंडिया ने भी लगभग 200 उम्मीदवार उतारे। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी, भारालोद व सपा के प्रत्याशी और निर्दलीय भी मैदान में थे। स्वराज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने पहली बार उम्मीदवार उतारे।
परिणाम 26 अप्रैल 2017 को घोषित हुए। तीन निगमों की जिन 270 सीटों के लिए चुनाव हुआ था उनमें से भाजपा ने 181 सीटों पर जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी को 48, कांग्रेस को 30, बहुजन समाज पार्टी को तीन, समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल को एक-एक सीट पर जीत मिली। छह निर्दलीय पार्षद भी बने। तीनों निगमों में कुल 272 सीटें हैं जिनमें से मौजपुर और सराय पिपलथला वार्ड के लिए चुनाव बाद में होना है। तीनों निगमों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला। पार्टी तीसरी बार सत्ता में आई। योगेंद्र यादव की अगुवाई वाली स्वराज पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई।
निगम चुनावों में पहली बार किसी एक पार्टी को कुल 181 सीटें मिलीं और उसे 43 सीटों का फायदा हुआ। कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 48 घटकर 30 रह गई। जहां तक वोट प्रतिशत का सवाल है तो नगर निगम चुनावों में भाजपा को 36.08 प्रतिशत, आप को 26.23 प्रतिशत और कांग्रेस को 21.09 प्रतिशत वोट मिले।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) की 64 में से 63 सीटों पर मतदान हुआ। इसमें भाजपा को 47, कांग्रेस को तीन, आम आदमी पार्टी को 11 तथा बसपा को 2 वार्ड में जीत मिली।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम यानी एनडीएमसी की 103 सीटों के लिए चुनाव हुआ। भाजपा को 64, आम आदमी पार्टी 21, कांग्रेस 15, बसपा एक व अन्य को दो सीटें मिलीं।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की कुल 104 सीटों में से 70 भाजपा की झोली में गईं। आम आदमी पार्टी को 16, कांग्रेस को 12, निर्दलियों को चार व भारालोद को एक व समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली। भाजपा को बहुमत मिला।