तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-66) योजना वृद्धि दर के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई. इस योजना का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर तथा स्वावलंबी बनाना था.
यह 5.6 प्रतिशत की वृद्धि-दर को प्राप्त करने में विफल रही इस दौरान वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही. कृषि तथा उद्योग दोनों को प्राथमिकता दी गई. योजना की विफलता का मुख्य कारण भारत-चीन युद्ध, भारत-पाक युद्ध तथा अभूतपूर्व सूखा था.
वैसे इसी योजना के दौरान पंचायतों के चुनाव हुए तो राज्यों में शिक्षा बोर्डों का गठन हुआ.