
मुद्रा का हिंदी में मतलब राशि या धन होता है. लेकिन इस योजना में नये संस्थान (MUDRA) का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development and Refinance Agency Ltd) है. शुरू में सिडबी की सहयोगी इकाई के रूप में काम करेगा. सरकार इसे नियामकीय संस्थान बनाने के लिए संसद में विधेयक पेश करेगी. तो मूल रूप से मुद्रा लघु इकाइयों को वित्तपोषण उपलब्ध कराने की नीति बनाएगी और छोटी इकाइयों को कर्ज देने के लिए धन उपलब्ध कराएगी. मुद्रा बैंक के दो प्रकार के सहयोगी होंगे एक जिन्हें मुद्रा बैंक रिफाइनेंस करेगा और दूसरे जो जरूरतमंद छोटे उद्यमियों को कर्ज देंगे.
यह बैंक सस्ती दरों पर दस लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराएगा. यह कर्ज तीन श्रेणियों में उपलब्ध कराया जाएगा जिनमें शिशु, किशोर व तरूण श्रेणी है.
- शिशु- 50,000 रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा
- किशोर- 50,000 रुपए से पांच लाख रुपए तक कर्ज
- तरूण- पांच लाख रु से 10 लाख रुपए तक का कर्ज
यही नहीं इस योजना के तहत 60 प्रतिशत कर्ज शिशु श्रेणी की इकाइयों को दिया जाएगा.
यह योजना देश के उन 5.75 करोड़ स्वरोजगार करने वालों पर केंद्रित होगा जिन्हें कहीं और से कर्ज नहीं मिलता है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी शुरुआत के अवसर पर कहा, ‘औद्योगिक घराने सिर्फ 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं जबकि छोटे उद्यमी 12 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजन करते हैं और मुद्रा योजना का उद्देश्य उन लोगों को कर्ज उपलब्ध कराना है जिन्हें कहीं और कर्ज नहीं मिला’.
प्रधानमंत्री मद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को 50,000 रुपए से दस लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) व लघु वित्त संस्थान (MFIs) इससे कर्ज लेकर आगे आम लोगों को कर्ज दे सकेंगे. फिलहाल मुद्रा को भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एनबीएफसी के रूप में पंजीबद्ध कराया गया है और सरकार इसे बैंक में बदलने के लिए विधेयक लाएगी.
मुद्रा का मुख्य काम लघु उद्यम वित्तपोषण कारोबार के लिए नीतिगत दिशा निर्देश तय करना तथा लघु वित्तपोषण संस्थान इकाइयों के पंजीकरण, उनके प्रमाणीकरण व रेटिंग का काम करना है.
सरकार ने जीजी मेमन को मुद्रा का चेयरमैन नियुक्त किया है. वह नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री अरूण जेटली ने 28 मार्च को 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए मुद्रा की स्थापना का प्रस्ताव किया था.
Micro Units Development and Refinance Agency Ltd (MUDRA) यानी सूक्ष्म इकाई विकास व पुनर्वित्त एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा)