चौथी पीढी की 4जी

4g

4जी यानी मोबाइली टेलीफोनी की चौथी पीढी. यह 3जी के आगे और 5जी से पहले की प्रौद्योगिकी है जिससे डाउनलोड की स्‍पीड सहित बाकी चीजें बहुत बदल जाएंगी.

देश में कुछ कंपनियों ने इस सेवा की शुरुआत की है और कुछ योजना बना रही हैं. लेकिन अभी इस दिशा में काफी काम किया जाना है. क्‍योंकि न तो मोबाइल कंपनियों के पास पर्याप्‍त बुनियादी ढांचा है और न ही बाजार में 4जी मोबाइल हैंडसेट. अभी तो 3जी सेवाओं को ही ठीक ठाक लागू नहीं कर पाए हैं.

हालांकि दुनिया में इसकी शुरुआत 2009 को ही हो गई थी. और अब कुल मिलाकर 360 कंपनियां 4जी मोबाइल सेवाएं दे रही हैं.

ग्‍लोबल मोबाइल सप्‍लायर्स एसोसिएशन ने एक रपट में कहा था कि 124 में 4जी मोबाइल सेवाएं दे रही कंपनियों की संख्‍या 2014 में 360 हो गई जो कि एक साल पहले की तुलना में 36 प्रतिशत अधिक है. इनमें से 44 प्रतिशत कंपनियां 1800 मेगाहटर्ज स्‍पेक्‍ट्रम का इस्‍तेमाल करती हैं.

फिलहाल कंपनियां तीन बैंड में 4जी सेवाओं की पेशकश करती हैं जिनमें 1800 मेगाहटर्ज, 2300 मेगाहटर्ज व 2600 मेगाहटर्ज शामिल है;

दुनिया में 4जी सेवा की शुरुआत करने वाली पहली कंपनी टेलियासोनेरा है जिसने 14 दिसंबर 2009 को नार्वे व स्‍वीडन में यह सेवा शुरू की.  दुनिया भर में 611 कंपनियां 174 देशों में 4जी सेवाओं में पैसा लगा रही हैं.

भारत की बात की जाए तो रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया सेल्‍यूलर की 4जी सेवा शुरू करने की योजना है. कुछ कंपनियों ने चुनींदा जगह इसे शुरू भी किया है लेकिन अभी इतनी लोकप्रिय नहीं हुई है.

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में 4जी मोबाइल सेवाओं को स्‍थापित होने में अभी समय लगेगा क्‍योंकि अभी दूरसंचार कंपनियों के पास पर्याप्‍त उपकरण व बाजार में 4जी सक्षम हैंडसेट नहीं हैं.

Author: sangopang

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