भारत ने पाकिस्तान के साथ मिलकर पहली बार विश्व कप की मेजबानी की. यह पहला अवसर था जबकि इंग्लैंड के बाहर किसी अन्य जगह पर इस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया. इस विश्व कप कप रिलायंस कंपनी ने प्रायोजित किया था और इसलिए इसका नाम रिलायंस विश्व कप रखा गया था. इस बार ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गयी.
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इसमें आठ टीमों भारत, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और जिम्बाब्वे ने भाग लिया जिन्हें चार चार टीमों के दो ग्रुप में बांट दिया गया था. प्रत्येक टीम ने अपने ग्रुप की टीमों से दो दो मैच खेले और शीर्ष पर रहने वाली चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंची. पिछले तीन विश्व कप के फाइनल में पहुंची वेस्टइंडीज की टीम इस बार अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पायी और सेमीफाइनल में पहुंचने में भी नाकाम रही. दोनों मेजबान भारत और पाकिस्तान अंतिम चार में पहुंचे लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाये. एलन बोर्डर की अगुवाई वाले आस्ट्रेलिया ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गये फाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को सात रन से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया.
भारत अपनी सरजमीं पर विश्व कप का पहला मैच आस्ट्रेलिया से हार गया लेकिन इसके बाद उसने लीग चरण के बाकी पांचों मैच में जीत दर्ज की. जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड को हराने में उसे दिक्कत नहीं हुई जबकि आस्ट्रेलिया से अगले मैच में उसने बदला चुकता किया. न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच में चेतन शर्मा विश्व कप में हैट्रिक बनाने वाले पहले गेंदबाज बने थे. इसी मैच में सुनील गावस्कर ने अपने एकदिवसीय करियर का पहला शतक भी लगाया था.
भारत मुंबई में खेले गये सेमीफाइनल में हालांकि इंग्लैंड से 35 रन से हार गया था. लाहौर में खेले गये दूसरे सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 18 रन से हराया था.