ग्रांड ट्रंक रोड: भारतीय चालकों व जनमानस में जीटी रोड के नाम से प्रचलित इस सड़क (ग्रांड ट्रंक रोड) का इतिहास इसकी लंबाई की तरह लंबा या पुराना है. यह गंगा किनारे बसे नगरों को, पंजाब से जोड़ते हुए अफ़ग़ानिस्तान तक जाती थी.
प्राचीन काल में इसे उत्तरापथ कहा जाता था. मौर्यकाल में बौद्ध धर्म का प्रसार इसी उत्तरापथ के माध्यम से गंधार तक हुआ. यूँ तो यह मार्ग सदियों से इस्तेमाल होता रहा लेकिन सोलहवीं शताब्दी में दिल्ली के सुल्तान शेरशाह सूरी ने इसे पक्का करवाया, इसके किनारे छायादार पेड़ लगवाए तथा यात्रियों के लिए सराह जैसी दूसरी सुविधाएं बनवाई.
इसलिए शेरशाह सूरी को जीटी रोड का निर्माता कहा जाता है. ग्रांड ट्रंक रोड कोलकाता से पेशावर (पाकिस्तान) तक लंबी है. भारतीय लोक विशेषकर पंजाबी गीतों में इस सड़क का काफी जिक्र है.