गतिहीन स्फीति विरोधाभासी स्थिति है. ऐसे में अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में उंचे मूल्य तथा रोजगार की बेहतर स्थिति होती है तो दूसरी ओर कई क्षेत्रों में उत्पादन में कमी और बेरोज गारी नजर आती है.
यानी मुद्रास्फीति के साथ साथ गतिहीनता ‘ औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन में कमी’ की स्थिति स्फीतियुक्त गतिहीनता की स्थिति कही जाती है.
यूं भी कहा जा सकता है कि गतिहीन स्फीति में मुद्रास्फीति ऊंची होती, आर्थिक वृद्धि दर घट जाती है और बेरोजगारी ऊंची रहती है.