क्रास होल्डिंग से मतलब एक ही क्षेत्र की कंपनियों की एक दूसरे में हिस्सेदारी से है. जैसे दूरसंचार कंपनी वोडाफोन की भारती एयरटेल में 4.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है तो इसे वोडाफोन की क्रास होल्डिंग कहेंगे.
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला सामने आने के बाद विशेषकर दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों में इसे प्रतिबंधित करने की मांग उठी थी क्योंकि कई कंपनियों पर इसके दुरुपयोग का आरोप लगा. एक सूचीबद्ध कंपनी की दूसरी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी या अंशधारित को क्रास होल्डिंग कहा जाता है. इसके लिए सीमा भी तय होती है कि अमुक क्षेत्र में कंपनियां एक दूसरी कंपनियों में अधिकतम कितनी हिस्सेदारी रख सकती हैं.