सरकार ने बैंकों से नकदी लेने पर नकदी निकासी कर या कैश विदड्रावल टैक्स 2005 में लागू किया था. इसके तहत अगर व्यक्तिगत ग्राहक बैंक से एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक निकालता तो 0.1 प्रतिशत कर लगाया जाता जिसे बीसीटीटी भी कहते.
व्यापारियों के लिए प्रतिदिन की सीमा एक लाख रुपये थी. यह कर अनुसूचित बैंकों के चालू तथा गैर बचत बैंक खातों से लेन देन पर था.
सरकार ने यह कदम अघोषित धन पर काबू पाने के लिए उठाया था. इस कर से सरकारी खजाने को 2008-09 में 600 करोड; रुपये मिले जबकि 2007-08 में यह राशि 550 करोड़ रुपये रही थी. सरकार ने एक अप्रैल 2009 से इस कर को समाप्त करने की घोषणा कर दी.