पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखने वाले जाने माने साहित्यकार करतार सिंह दुग्गल यानी केएस दुग्गल का जन्म पहली मार्च, 1917 को तत्कालीन अविभाजित पंजाब के रावलपिंडी में हुआ था.
दुग्गल ने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कालेज से अंग्रेज़ी में एमए किया. दुग्गल ने आकाशवाणी में नौकरी की और पंजाबी सहित कई अन्य भाषाओं के कार्यक्रमों पर काम किया. वे आकाशवाणी के साथ साथ नेशनल बुक ट्रस्ट से भी जुड़े रहे. पद्म भूषण और साहित्य अकादमी सम्मान सहित कई सम्मानों से नवाजे गए दुग्गल ने उपन्यास, कहानियां , और नाटक लिख कर अपने लिए साहित्य की दुनिया में जगह बनाई. उन्हें राज्य सभा के लिए भी नामांकित किया गया था.
अमेरीका की लाइब्रेरी आफ कांग्रेस में उनकी 118 किताबें हैं. उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ.
दुग्गल ने सात नाटक, दो कविता संग्रह और एक आत्मकथा लिखी. उनकी पुस्तकें कई विश्वविद्यालयों में पाठ्क्रम का हिस्सा बनीं और कई रचनाओं का अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ. साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष गोपी चंद नारंग के शब्दों में दुग्गल पंजाबी लेखन का एक नगीना हैं.
उनकी प्रमुख रचनाओं में डंगर (पशु), इक छिट छां दी (एक टुकड़ा धूप का), नवां घर (नया घर), तरकलां वेले (शाम के समय), कंडे कंडे (किनारे किनारे), सर्द पूनम की रात, सत नाटक, तेरे बहाने, बंद दरवाजे तथा मिट्टी मुसलमान की शामिल हैं.
(1 March 1917 – 26 January 2012)