भारत में कृषि आय फिलहाल आयकर के दायरे में नहीं आती है। यानी खेतीबाड़ी से होने वाली आय, आयकर के दायरे में नहीं आती। वैसे भी यह राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामला है। इस आय को कर दायरे में लाने का सुझाव कई बार दिया गया लेकिन हर बार यह राजनीतिक विवाद में दबकर रह गया।
जहां तक संवैधानिक व्यवस्था का सवाल है तो कृषि आय पर कर लगाने का अधिकार केंद्र के पास नहीं है। यानी केवल राज्य ही कृषि आय पर कर लगाने का कोई फैसला कर सकते हैं। यह अधिकार उन्हें ही है।
इस मुद्दे पर ताजा विवाद 25 अप्रैल 2017 को नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय के बयान से शुरू हुआ। दरअसल देबराय ने कहा था कि देश में अगर कर दायरा बढ़ाना है तो कृषि क्षेत्र में कर लगाना इसका एक रास्ता हो सकता है।
जैसा कि होना था, इस पर बवाल खड़ा हो गया। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अगले ही दिन स्पष्ट किया कि कृषि आय पर कर लगाने का कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शक्तियों के संवैधानिक आवंटन के अनुसार केंद्र सरकार के पास कृषि आय पर कर लगाने का अधिकार नहीं है।
इससे पहले वित्तमंत्री ने संसद में भी इसी तरह का स्पष्टीकरण दिया था।
नीति आयोग ने भी बाद में देबराय के बयान से खुद को अलग कर लिया और कहा कि यह उनकी निजी राय हो सकती है।