केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अंतिम प्रारूप तैयार करने के लिये डॉ के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की।
यह समिति राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करेगी। समिति इस बारे में लगभग ढाई साल चली एक व्यापक लोकतांत्रिक विचार विमर्श प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी। इस प्रक्रिया के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय को देश भर से शिक्षा शास्त्रियों, शिक्षकों, विशेषज्ञों, छात्रों व अन्य भागीदारों से हजारों सुझाव मिले। इसके लिये तहसील, जिला व राज्य स्तर पर चर्चा की गयी। राज्य सरकारों ने क्षेत्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में अपने व्यापक सुझाव दिये तो राज्य सभा में भी इस विषय पर चर्चा की गयी और शिक्षा पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें 48 सांसदों ने भाग लिया। कई सांसदों ने अपने विचार लिखित रूप से दिये। सरकार के माय गव प्लेटफॉर्म पर 26,000 लोगों ने इंटरनेट के जरिये अपनी राय रखी। टीएसआर सुब्रमणियन समिति ने सिफारिशें दी। समिति इन सभी सुझावों और सिफारिशों पर विचार करेगी।
26 जून 2017 को प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्म विभूषण कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित इस इस समिति के अन्य सदस्यों में डॉ. वसुधा कामत, के.जे. अलफोन्से, डॉ. मंजुल भार्गव, डॉ. राम शंकर कुरील, डॉ. टी.वी. कट्टीमनी,कृष्ण मोहन त्रिपाठी, डॉ. मज़हर आसिफ व डॉ. एम. के. श्रीधर हैं.