ओसीआई यानी ओवरसीज सिटीजन आफ इंडिया प्रवासी भारतीयों के लिए शुरू की गई योजना है. यह योजना सात जनवरी 2002 को हैदराबाद में चौथे प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के दौरान प्रधनमंत्री डा मनमोहन सिंह ने शुरू की थी.
इस योजना के तहत विदेशी नागरिकता प्राप्त भारतीयों को आवेदन पर ओसीआई कार्ड दिया जाता है, जिससे उन्हें भारत आने के लिए वीजा व पुलिस सत्याभपन की आवश्यकता नहीं होती है.
ओसीआई कार्ड को प्रवासी भारतीयों का दोहरी नागरिकता देने के संबंध में पहला कदम माना गया. हालांकि यह भी तय है कि ओसीआई कार्ड धारक भारत में मताधिकार नहीं है तथा न ही वह किसी सार्वजनिक पद ले सकता है.
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2015 में भारतवंशी कार्ड या पर्सन आफ इंडिया (पीओआई) योजना का भी ओसीआई कार्ड योजना में विलय कर दिया. सरकार ने छह जनवरी 2015 को नागरिकता (संशोधन) अध्यादेश, 2015 के जरिए पीआईओ कार्ड योजना को नौ जनवरी 2015 से समाप्त कर दिया. सरकार का कहना था कि अनावश्यक भ्रम से बचने और आवेदकों को अधिक लाभ देने के लिए यह कदम उठाया गया है. सरकार ने इसके साथ यह भी अधिसूचित किया गया है कि इससे पहले जारी पीआईओ कार्ड को प्रवासी भारतीय (ओसीआई) कार्ड माना जाएगा.
सरकार ने पीआईओ कार्ड को ओसीआई कार्ड में बदलने के लिए एक प्रणाली बनाई है. इसके लिए गृह मंत्रालय की वेबसाइट https://passport.gov.in/oci के माध्यम से ओसीआई कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है.
अब तक जारी ओसीआई कार्डों का ब्यौरा निम्नानुसार है:
- वर्ष ओसीआई कार्डों की कुल संख्या
2012 2,34,418
2013 2,53,632
2014 2,20,434
2015 39,863 (11.03.2015)