फारेन करंसी नान रेजीडेंट एकाउंट या एफसीएनआर खाता विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय बैंकों को एक नवम्बर, 1975 से इस प्रकार के खाते खोलने की अनुमति दी. इस प्रकार के जमा खाते कुछ चुनी हुई परिवर्तनशील मुद्राओं में खोले जाते है. जिस मुद्रा में खाता रखा जाता है, ब्याज उसी मुद्रा में अदा किया जाता है.
ऐसे खातों की ब्याज पर भारतीय आयकर नहीं लगता. जिन मुद्राओं में ये खाते खोले जा सकते हैं उनमें यूरो, डालर, जापानी येन, पौंड व आस्ट्रेलियाई डालर भी है.