आना दरअसल भारतीय मुद्रा की एक इकाई है जो शाहजहां से चलाई. 15 अगस्त 1950 में जब भारत में सिक्के आए तो एक आना यानी छह पैसे हुआ करते थे.
हम जब बच्चे थे तो 25 पैसे को चार आना या चवन्नी, 50 पैसे को आठ आना या अठन्नी व 100 पैसे या एक रुपये को 12 आना कहा जाता था. 1957 में दशमलव प्रणाली अपनाई गई तो एक रुपया 100 पैसे के बराबर हो गया. फिर एक पैसे, दो पैसे, तीन पैसे, पांच पैसे (पंजी) व 20 पैसे के सिक्के भी प्रचलन में आए. एक, दो व तीन पैसे के सिक्के 1970 में बंद कर दिए गए.
चवन्नी को 2011 में बंद किया गया. दो रुपये का सिक्का 1982 में, पांच का सिक्का 1992 में व 10 रुपये का सिक्का 2006 में जारी किया गया.