वर्ष 1981 में प्रदर्शित निर्देशक मुज्ज़फर अली की फिल्म उमराव जान (umrao jaan) लखनऊ की मशहूर तवायफ उमराव जान अदा की जिंदगी पर आधारित थी. फिल्म मिर्ज़ा मुहम्मद हादी रुसवा के उर्दू उपन्यास पर आधारित थी. फिल्म का स्क्रीनप्ले और संवाद लिखे शमा जैदी, जावेद सिद्दीकी और मुज़फ्फर अली ने.
फिल्म को समीक्षकों ने बेहद पसंद किया पर बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने औसत प्रदर्शन किया. फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई रेखा, राज बब्बर, फारुख शेख, नसीरुद्दीन शाह, शौकत कैफ़ी, प्रेमा नारायण, दीना पाठक, गजानन जागीरदार, भारत भूषण, मुकरी, सीमा सथ्यू और सतीश शाह ने. उमराव जान का संगीत बेहद मकबूल हुआ. फिल्म का संगीत दिया खय्याम ने और गीत लिखे शहरयार ने.
अमीर खुसरो की एक रचना का प्रयोग भी फिल्म में किया गया. फिल्म की एक एक गजल संगीत प्रेमियों के दिलों दिमाग पर आज भी छायी हुई हैं. ” दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिये “, ” इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं ” और ” ये क्या जगह है दोस्तों ” और ” जुस्तजू जिसकी थी ” जैसी गजलें हिंदी फिल्म संगीत के अनमोल खजाने की बेशकीमती अमानत है.
फिल्म में अपने जादुई संगीत के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय पुरस्कार खय्याम ने अपने नाम किया. रेखा को भी फिल्म में अपने उम्दा अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ. फिल्मफेयर पुरस्कारों में मुज़फ्फर अली को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और खय्याम को सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के पुरस्कार से नवाजा गया. वर्ष 2006 में निर्देशक जे.पी. दत्ता ने ऐश्वर्या रॉय को मुख्य भूमिका में लेकर फिल्म का रीमेक भी बनाया पर दत्ता की फिल्म को कामयाबी नहीं मिली.