उड़ि‍या को शास्त्रीय भाषा का दर्जा 

केंद्र सरकार ने 20 फरवरी 2014 को उड़ि‍या को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया. सरकार के इस कदम से इस शास्‍त्रीय भाषा के रूप में वगीकृत भाषाओं की संख्‍या छह हो गई. इससे पहले संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जा चुका था.

दरअसल शास्‍त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्‍त भाषा को कई विशेष लाभ दिए जाते हैं. इन लाभ में निम्‍न शामिल हैं-

  • (अ)    संबंधित भाषा में प्रतिष्ठित विद्वानों के लिए प्रतिवर्ष दो बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मान.
  • (ब)   शास्त्रीय भाषाओं में अध्ययन के लिए उत्‍कृष्‍टता केंद्र की स्‍थापना.
  • (स)   विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कम से कम केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में सम्‍बद्ध भाषा में विशेषज्ञता प्राप्त शोधार्थियों के लिए शास्त्रीय भाषा की कुछ निश्चित सीटें शुरू करने का आग्रह किया जा सकता है.
Author: sangopang

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