नयी दिल्ली का इस्कॉन मंदिर दक्षिणी दिल्ली के संतनगर, ईस्ट आफ कैलाश में है। यह राधा पार्थसारथी के रूप में भगवान कृष्ण व राधारानी का प्रमुख मंदिर है। जो कैलाश पहाड़ी का पर आता है। फिलहाल यहां पहाड़ जैसा कुछ नहीं दिखता और ईस्ट आफ कैलाश राष्ट्रीय राजधानी के सबसे प्रमुख व व्यस्त आवासीय इलाकों में से एक है।
इस्कॉन मंदिर, नयी दल्ली का डिजाइन अच्युत कनविंदे ने किया और लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से यह बना। यह अपनी तरह का सबसे भव्य व बड़ा मंदिर है। मंदिर का पूरा नाम श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर है।
मंदिर में सुबह साढ़े चार बजे मंगला आरती होती है। सवा सात बजे दर्शन आरती, साढ़े 12 बजे राजभोग आरती होती है। इसके बाद दोपहर बाद सवा चार बजे उस्थापना आरती, शाम सात बजे संध्या आरती व रात साढ़े आठ बजे सांय आरती होती है। नौ बजे मंदिर बंद हो जाता है। यानी मंदिर परिसर सुबह साढ़े चार बजे से रात नौ बजे तक खुला रहता है। मंदिर में दर्शन के अलावा वैदिक म्यूजियम व रोबोट शो भी देखा जा सकता है। यहां वैदिक लाइब्रेरी है।
हां तक कनेक्टिविटी का सवाल है तो यह नेहरू प्लेस व कैलाश कालोनी मेट्रो स्टेशन के पास है। कैब व आटो से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
मंदिर परिसर में ही गोविंदा रेस्टोरेंट है।
इस्कॉन द इंटरनेशनल सोसायटी फोर कृष्णा कांशियसनेस का संक्षिप्त शब्द है। यह हिंदुओं के गौडिया वैष्णव संप्रदाय से सम्बद्ध है। इस्कॉन के सदस्य भक्ति योग में विश्वास रखते हैं। इस्कॉन को हरे कृष्णा आंदोलन भी कहते हैं। इसकी स्थापना 1966 में ए सी भक्तिवेदांता स्वामी प्रभुपाद ने न्यूयार्क में की। स्वामी प्रभुपाद का पूरा नाम अभय चरण डे था और उनका जन्म एक सितंबर 1896 को कलकत्ता में हुआ।