इंडिया मिलेनियम डिपाजिट स्कीम भारतीय स्टेट बैंक ने 2000 में शुरू की थी जिसके जरिए उसने लगभग 5.5 अरब डालर जुटाए. यह योजना प्रवासी भारतीयों को ध्यान में रखकर शुरू की गई थी. इसमें जमाएं अमेरिकी डालर, पौंड तथा यूरो में ली गई.
स्टेट बैंक ने यह योजना मुख्यत: विदेशी मुद्रा भंडार को बल देने तथा गिरते रुपये को समर्थन देने के लिए पेश की थी. इस योजना के तहत जमाओं का विमोच्यीकरण दिसंबर 2005 में हुआ. 8.5 प्रतिशत दर ब्याज वाली इस योजना के तहत रुपये के लिहाज से 25,700 रुपये जुटाए गए.