वर्ष 1990 में प्रदर्शित निर्माता गुलशन कुमार और निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म आशिकी (aashiqui) ने अपने बेहतरीन संगीत के दम पर बॉक्स ऑफिस पर सफलता के सभी कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए.
फिल्म के प्रदर्शन से पहले ही फिल्म का संगीत बेहद लोकप्रिय हो चुका था और संगीतकार नदीम-श्रवण और गायक कुमार शानू को ” आशिकी ” ने कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. फिल्म के संगीत ने बॉलीवुड में फिर से मधुर संगीत का दौर प्रारंभ किया. फिल्म की संवाद, स्क्रीनप्ले और कहानी लिखी रॉबिन भट्ट और आकाश खुराना ने.
फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में थे नवोदित अभिनेता राहुल रॉय और अभिनेत्री अनु अग्रवाल. इनका साथ दिया दीपक तिजोरी, रीमा लागू, मुश्ताक खान, टॉम ऑल्टर, जावेद खान, अवतार गिल, अनंग देसाई और वीरेंदर सक्सेना ने. फिल्म का संगीत नदीम-श्रवन का था और गीत लिखे समीर, रानी मालिक और मदन पाल ने. हिंदी फिल्म इतिहास के सर्वश्रेष्ठ संगीत में ” आशिकी ” के संगीत की गिनती की जाती है. नदीम-श्रवण ने जादुई संगीत की रचना की और संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. ” बस एक सनम चाहिए “, ” नज़र के सामने जिगर के पास “, ” अब तेरे बिन जी लेंगे हम “, ” दिल का आलम मैं क्या बताऊँ “, ” तू मेरी ज़िन्दगी है “, ” जाने जिगर जानेमन ” और ” धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना ” जैसे गीत आज भी सुनने वालों को मदहोश कर देते हैं.
नदीम-श्रवण को अपने कर्णप्रिय संगीत के लिए और सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन के लिए कुमार शानू और अनुराधा पौंडवाल ने भी फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किये. आज भी जब कभी मधुर संगीत की बात छिड़ती है तो ” आशिकी ” का नाम सबसे पहले लिया जाता है.