आर एन प्रसाद समिति का गठन केंद्र सरकार ने फरवरी 1993 में ‘क्रीमीलेयर’ की पहचान के लिए किया था. सरकार ने यह कदम उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उठाया.
सेवानिवृत्त न्यायाधीश राम नंदन प्रसाद की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अपनी रपट अगले महीने ही सौंप दी थी.