आईपीवी6 (ipv6) यानी इंटरनेट प्रोटोकाल वर्जन 6 इंटरनेट प्रोटोकाल यानी आईपी का नया संस्करण है जो छह जून 2012 को आधिकारिक रूप से शुरू हुआ.
इंटरनेट सोसायटी ने इस दिन को आईपीवी6 लांच डे के रूप में मनाया. यह एक तरह से यह इंटरनेट से जुड़े किसी सिस्टम (कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटाप) के लिए आईपी पता सृजित करने की प्रणाली है.
इसे आईपी एड्रेस का एक नया मानक कहा जा सकता है जिससे अरबों नये वेब एड्रेस के लिए रास्ता खुल जाएगा. हालांकि वेबसाइट का इस्तेमाल करने वालों के लिए किसी तरह का बदलाव नहीं होगा और उन्हें सबकुछ पहले की तरह ही दिखेगा.
आईपीवी6 चरणबद्ध तरीके से आईपीवी4 की जगह लेगा. उल्लेखनीय है कंप्यूटर, टेबलैट या स्माटफोन जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल होता है, के लिए अपना आईपी एड्रेस होना जरूरी है. इसके बाद ही वह इंटरनेट से जुड़ेगा.
भारत में सभी सरकारी वेबसाइटों के दिसंबर 2012 तक आईपीवी6 पर चले जाने का अनुमान है. आईपीवी6 24 साल पुराना है जिसमें 32 बिट एड्रेस का इस्तेमाल होता है जबकि आईपीवी6 में 128 बिट एड्रेस का इस्तेमाल है.
आईपीवी4 में लगभग 4.3 अरब विशेष आईपी एड्रेस ही बन सकते हैं जबकि आईपीवी6 के बाद शायद इस तरह की कोई सीमा कम से कम निकट भविष्य में न रहे. आईपीवी6 से जुड़ी एक साइट यह है.