आईएनएस विराट भारतीय नौसेना का सबसे पुराना युद्धक विमान पोत है जिसने मई 2012 में 25 साल पूरे कर लिए हैं. आईएनएस विराट सबसे अधिक उम्र तक सक्रिय रहने वाले दुनिया के चुनिंदा विमान वाही पोतों में एक है. यह युद्धपोत आधुनिकतम तकनीक और सैन्य साजो सामान से लैस है. पोत अब तक पांच लाख नॉटिकल मील की दूरी तय कर चुका है यानी सातों समंदर वह घूम चुका है.
आईएनएस विराट का मूल नाम एचएमएस हर्मेसस है जो नवंबर 1959 में अस्तित्व में आया. इसमें ब्रितानी सेना में 28 साल सेवा दी और उसके बाद 12 मई 1987 को भारतीय नौसेना ने इसे खरीद लिया. इसके 2018-19 तक नेवी की सेवा में रहने की उम्मीद है.
यह नौसेना का इकलौता विमानवाही पोत है. अगले विमानवाही पोत एडमिरल गोर्शकोव या आईएनएस विक्रमादित्य के साल 2013 तक आने की उम्मीद है. नौसेना 2015 तक स्वदेशी विक्रांत श्रेणी के विमानवाही पोत के कमीशन होने की भी उम्मीद कर रही है.
विराट का ध्येय वाक्य जलमेव यस्य बलमेव तस्य है. इस वक्त इस वारशिप की कमान कैप्टन अजेंद्र बहादुर सिंह के हाथ में है. आईएनएस विराट की कमान अब तक 18 कमांडिंग ऑफिसर के हाथ में रही जिनमें से तीन अफसर चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ के पद पर पहुंचे. इनमें एडमिरल माधवेंद्र सिंह, एडमिरल अरुण प्रकाश और एडमिरल निर्मल वर्मा हैं.