अवस्फीति या मुद्रा संकुचन. बाजार में मुद्रा की कमी के कारण कीमतें, उत्पादन व कारोबार घट जाता है और बेरोजगारी बढती है. यही मुद्रा संकुचन की स्थिति है.
अर्थशास्त्र में अवस्फीति का मतलब सामान व सेवाओं की आम कीमतों में गिरावट से भी लिया जाता है. मुद्रास्फीति जब शून्य (0) प्रतिशत से नीचे चली जाती है तो अवस्फीति की स्थिति पैदा होती है.