इस दौर के प्रमुख युवा कहानीकार अरुण कुमार ‘असफल’ की कहानी ‘पांच का सिक्का’ बेहद मशहूर और मार्मिक कहानी है. 2012 में इसी कहानी के शीर्षक से उनका दूसरा कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुआ. जैसा कि उनके कहानी संग्रह के प्रकाशक की वेबसाइट पर लिखा गया है कि – शहर-कस्बे की जिंदगी में संघर्षशील तबके की मुश्किलों के साथ-साथ उनकी हसरतों को जिस चाक्षुष और तलस्पर्शी भाषा में अरुण बयान करते हैं, ऐसा उनके समकालीनों में विरल है.
उनका जन्म 18 जुलाई, 1968 को गोरखपुर में हुआ. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक किया और हैदराबाद से सर्वेयिक कोर्स. उनका पहला कहानी संग्रहन ‘पौ फटने से पहले’ व दूसरा ‘पांच का सिक्का’ है. भारतीय सर्वेक्षण विभाग में कार्यरत हैं और
प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ निरंतर प्रकाशित होती रहती है.