अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा योजना है.
अटल पेंशन योजना 1 जून 2015 से लागू की गई और यह 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है। इस योजना के तहत कोई भी 60 वर्ष की आयु के बाद 1000 रूपये से लेकर 5000 रूपये तक का मासिक पेंशन ले सकता है, यह उसके योगदान पर निर्भर करता है। अभिदाता की मृत्यु की स्थिति में यह उसकी पत्नी को मिलेगा और यदि दोनों की मृत्यु हो जाती है तो वैसी स्थिति में यह नामित व्यक्ति को मिलेगा।
एपीवाई योजना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस के समान ही निवेश पद्धति का अनुसरण करती है। वित्त वर्ष 2016-17 में, 13.91 प्रतिशत का रिटर्न कमाया है।
जिसकी घोषणा वित्तमंत्री अरूण जेटली ने 2015 के आम बजट में की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ मई 2015 को इस योजना की औपचारिक घोषणा की. पूर्ववर्ती सरकार की स्वावलंबन योजना एनपीएस लाईट की जगह इसने ले ली।
इस योजना के अंशधारक 60 साल की आयु के बाद कम से 5000 रुपए मासिक पेंशन के हकदार होंगे. लोगों को इस योजना के प्रति आकर्षित करने के लिए सरकार ने अंशधारक के योगदान की 50 प्रतिशत राशि या 1000 रुपए प्रति साल का अंशदान जो भी कम हो अपनी तरफ से करने की घोषणा की है. यह अंशदान पांच साल के लिए 2015-16 से लेकर 2019-20 तक करेगी.
अब सवाल है कि स्वावलंबन योजना के मौजूदा अंशधारकों का क्या होगा? तो वे नयी योजना यानी अटल पेंशन योजना के लागू होने पर स्वत: ही उसमें विलय हो जाएंगे. हां अगर वे इससे हटना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा. इस योजना में 18 साल से 40 साल की आयु में ही जुड़ा जा सकता है और कम से कम 20 साल अंशदान करना जरूरी होगा.
सरकार के सहयोगी अंशदान का फायदा उन्हीं अंशधारकों को मिलेगा जो 31 दिसंबर 2015 तक इस योजना से जुड़ते हैं. इसके तहत 60 साल की बाद से अंशधारकों को 1000 रुपए से 5000 रुपए की पेंशन मिलेगी जो कि उनके अंशदान के अनुसार तय होगी.
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में इस योजना की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य, दुर्घटना और जीवन बीमा लाभ से वंचित है इसलिए सरकार ने सभी भारतीयों, विशेषकर निर्धन और उपेक्षित वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की स्थापना करने का फैसला किया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छह मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को मंजूरी दी. पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के बारे में जागरूकता/प्रचार संबंधी गतिविधियों पर अगले पांच साल में खर्च के लिए सरकारी अंशदान के रूप में 50 करोड़ रुपए वार्षिक देने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी.
- अटल पेंशन योजना की मुख्य बातें-
- अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अंशदाताओं को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन मिलेगी जो उनके अंशदान पर निर्भर करेगी.
- यह अंशदान किसी व्यक्ति के योजना में शामिल होने के समय उसकी आयु के अनुसार निर्धारित किया जाएगा.
- केंद्र सरकार पात्र अंशदाता के खाते में हर वर्ष कुल अंशदान का आधा हिस्सा अथवा 1000 रुपए इनमें जो भी कम हो जमा कराएगी.
- यह अंशदान 31 दिसम्बर, 2015 से पहले नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होने वाले अंशदाताओं के खाते में 5 वर्ष अर्थात 2015-16 से 2019-20 तक जमा कराया जाएगा.
- किसी भी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य और आयकरदाता इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकेंगे.
- अंशदाता की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी/पति को पेंशन मिल सकेगी और उसके बाद पेंशन निधि नामित व्यक्ति को लौटा दी जाएगी.
- अटल पेंशन योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होगी. सरकार न्यूनतम नियत पेंशन लाभ की गारंटी प्रदान करेगी.
योजना से जुड़ी विभिन्न वेबसाइटें
- जनसुरक्षा वेबसाइट
- वित्तीय सेवा वेबसाइट
- जनसुरक्षा टोल फ्री नंबर
- अटल पेंशन योजना का फार्म
- अटल पेंशन योजना में किसको कितनी पेंशन
अंशधारकों की संख्या: सरकार ने 26 मई 2017 को सूचित किया कि अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से जुड़े लोगों की संख्या करीब 53 लाख पहुंच चुकी है। इस योजना के कार्यान्वयन में 235 बैंक सहित डाक विभाग भी शामिल हैं।
इसके अंशधारकों में 62 प्रतिशत पुरूष व 38 प्रतिशत महिला हैं। जिनमें से ज्यादातर ने मासिक जमा का विकल्प चुना है, करीब 97.5 प्रतिशत अभिदाताओं ने मासिक अंतराल का विकल्प चुना है, करीब 0.8 प्रतिशत ने त्रै-मासिक व 1.7 प्रतिशत ने अर्द्ध-वार्षिक का विकल्प चुना है।
आधार अनिवार्य: सरकार ने 12 जून 2017 को अटल पेंशन योजना को आधार (वित्तीय व अन्य सब्सिडी, लाभ एवं सेवाओं की लक्षित डिलीवरी) अधिनियम 2016 की धारा 7 में शामिल करने की घोषणा की। अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक योजना एपीवाई के तहत लाभ पाने का हकदार व्यक्ति को आधार नम्बर रखने अथवा आधार पहचान के तहत नामांकन कराने का प्रमाण पेश करना होगा।