त्रिशंकु संसद

आम चुनाव में किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में त्रिशंकु संसद बनती है.

आमतौर पर यह संसद जोड़ तोड़ या गठबंधन से अस्तित्‍व में आती है और इसके भविष्‍य पर प्राय: आशंकाओं के बादल मंडराते रहते हैं. हमारे यहां प्रमुख दलों के कमजोर होने तथा क्षेत्रीय दलों के मजबूत होने के बाद इस तरह के हालात कई बार देखने को मिले हैं. नौंवीं, दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं लोक सभा की यही स्थिति रही.

Author: sangopang

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