अजिंक्य रहाणे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं और इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी बल्लेबाजी से ध्यान खींचने वाले प्रमुख भारतीय बल्लेबाजों में से एक हैं. उन्होंने आईपीएल के पांचवें चरण (2012) में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 98 रन बनाए और शतक से चूक गए. लेकिन यह कमी उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ नाबाद 103 रन की पारी खेलकर पूरी कर ली.
रहाणे ने 2008 में अपने दूसरे रणजी सत्र में 1089 रन बनाए, रणजी इतिहास में यह कारनामा कुल 11 बल्लेबाजों ने किया है. इसी सत्र में मुंबई ने 38वां रणजी खिताब जीता. इसके बाद टीम इंडिया में आने के लिए उन्हें तीन साल इंतजार करना पड़ा. तीन सितंबर 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ चेस्ट ली स्ट्रीट वनडे से रहाणे ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के पहले मैच में 40 रन बनाये. भारतीय बल्लेबाजों के लिए दु:स्वप्न रहे इस दौरे में रहाणे ने पांच मैचों में एक अर्धशतक सहित 158 रन बनाए.
वीरेंद्र सहवाग ने रहाणे को टीम इंडिया का भविष्य कहा है जबकि कमेंटेटर हर्षा भोगले के अनुसार रहाणे की सबसे अच्छी बात है कि वह सबसे पहले टीम का हित सोचते हैं.
लंबे समय तक साथी खिलाड़ियों के लिये मैदान पर पानी पहुंचाने का काम करने के बाद अजिंक्य रहाणे को मार्च 2013 में जब टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला तो वह आस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने सात और एक रन ही बना पाये। चर्चा होने लगी कि क्या बेमिसाल और नैसर्गिक प्रतिभा का धनी बल्लेबाज का करियर शुरू में खत्म हो जाएगा लेकिन रहाणे ने अपने काम पर ध्यान दिया। उन्होंने मुंबई की तरफ से रणजी ट्राफी और राजस्थान रायल्स की तरफ से आईपीएल में अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और जल्द ही न सिर्फ टेस्ट टीम में वापसी की बल्कि एकदिवसीय टीम के भी अहम अंग बन गये।
वेलिंगटन में मुश्किल परिस्थितियों में लगाया गया शतक या फिर लाडर्स पर खेली गयी शतकीय पारी से रहाणे ने दिखाया कि उनके पास कई किताबी शाट हैं जो संकटपूर्ण स्थितियों में उन्हें सफल बनाते हैं। आस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई श्रृंखला में भी कोहली के अलावा किसी अन्य बल्लेबाजों ने गेंदबाजों का डटकर सामना किया तो वह रहाणे थे। मेलबर्न में उन्होंने 147 रन की दर्शनीय पारी खेली थी।
रहाणे कई आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में खेलते रहे हैं और यह कहा जा सकता है कि कोहली की तरह वह भी अब मंझे हुए बल्लेबाज बन गये हैं। विश्व कप में भारतीय बल्लेबाजी का काफी दारोमदार रहाणे के कंधों पर भी रहेगा। वह ऊपरी क्रम के बल्लेबाज हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्होंने मध्यक्रम में भी अच्छी बल्लेबाजी की है। यदि रोहित शर्मा फिट नहीं होते या शिखर धवन की खराब फार्म बरकरार रहती है तो फिर यह तय है कि रहाणे ही पारी का आगाज करेंगे। उन पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी पारी संवारने की रहेगी।
रहाणे की विशेषता यह है कि वह पारी संवारने के साथ साथ रन गति भी अच्छी बनाये रखते हैं। जरूरत पड़ने पर लप्पेबाजी भी कर सकते हैं और अपनी रक्षात्मक तकनीक की तो अच्छी मिसाल पेश कर चुके हैं। अभी यह कहा जा सकता है कि भारतीय टीम में सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज यदि कोई है तो वह रहाणे हैं।
इस समय खेले जा रहे विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा हैं. यह उनका पहला विश्व कप है. यदि वनडे मैचों की बात करें तो इस 26 वर्षीय बल्लेबाज ने अब तक जो 46 मैच खेले हैं उनमें उन्होंने 1376 रन बनाये हैं। रहाणे का औसत 30.57 है जो कि उनकी क्षमता वाले बल्लेबाज के अनुकूल नहीं है। रहाणे ने अब तक वनडे में दो शतक और आठ अर्धशतक भी लगाये हैं।
क्रिकेट विश्वकप 2015: विश्वकप क्रिकेट प्रतियोगिता 2015 की टीम में अंजिक्या रहाने भी शामिल रहे. उन्होंने आठ मैचों की सात पारियों में कुल मिलाकर 208 रन बनाए. हालांकि अपने पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ वे शून्य पर आउट हो गए थे लेकिन बाद की छह पारियों में उन्होंने 208 रन बनाए जिनमें सर्वाधिक 79 रन मेलबर्न में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थे.
आईपीएल 2015: आठवीं आईपीएल में सबसे अधिक रन बनाने के लिहाज से भले ही डेविड वार्नर अव्वल रहे हों लेकिन औसत रन के हिसाब से राजस्थान रायल्स के अंजिक्य रहाने ने बाजी मारी. रहाने ने 14 मैचों की 13 पारियों में 49.09 रन के औसत से कुल 540 रन बनाए जिनमें चार अर्धशतक शामिल हैं.